सोशल क्रांति युग में आधुनिक हो रही पत्रकारिता, फिर भी अखबारों की भूमिका महत्वपूर्ण- डीआईओ स्वेता पोटुडे 

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6 जनवरी पत्रकार दिवस पर दिवगंत वरिष्ठ पत्रकार अनिल गौतम गुरुजी को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि, छग के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का जताया निषेध..

प्रतिनिधि। 06 जनवरी
गोंदिया। सोशल मीडिया के आधुनिक युग में आज की पत्रकारिता एक क्लिक पर आ गई है। इस सोशल क्रांति से हम देश दुनिया की खबरें चंद मिनटों में देख और पढ़ सकते है। पर अखबारों की भूमिका आज भी उतनी ही विश्वसनीय है जितनी पहले थी। समाज, का रुझान आज भी अखबारों की तरफ अधिक है। चूंकि इसमें सच्चाई होती है जबकि सोशल मीडिया का सदुपयोग के साथ दुरुपयोग भी अत्यधिक है। उक्त आशय जिला सूचना अधिकारी स्वेता राऊत पोटुडे ने व्यक्त किया।
जिला सूचना अधिकारी श्रीमती पोटुडे 6 जनवरी मराठी पत्रकारिता के जनक आचार्य बालशास्त्री जांभेकर की जयंती (पत्रकार दिवस) के अवसर पर प्रेस ट्रस्ट ऑफ गोंदिया के कार्यक्रम में संबोधित कर बोल रहे थे।
कार्यक्रम में मंच पर वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत खंडेलवाल, सुब्रतो पाल, भगत ठकरानी, पीटीजी के अध्यक्ष अपूर्व मेठी, सचिव रवि आर्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत दर्पनकार आचार्य बालशास्त्री जांभेकर के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं पूजन कर की गई।
जिला सूचना अधिकारी स्वेता पोटुडे ने आगे कहा, आज अखबारों ने भी खुद को नई क्रांति में ढा लिया है। एआई जैसे टूल्स का प्रयोग किया जा रहा है। अनेक अखबार डिजिटल के साथ ही न्यूज पोर्टल और चैनल चला रहे है। सरकार ने आचार्य बालशास्त्री जांभेकर पत्रकार सम्मान योजना क्रियान्वित की है जिसका पत्रकारों ने लाभ उठाना चाहिये।
वरिष्ठ पत्रकार सुब्रत पाल ने कहा, समाज को सच का आइना दिखाने वाला पत्रकार हरदिन अपनी कलम की ताकत से समाज के लिए लड़ता है पर पत्रकारों की आवाज़ को कोई नही उठाता। अनेक मुश्किलों से जूझने वाले पत्रकारों की फरियाद सुनने हेतु उसके लिए सरकार ने विशेष व्यवस्था कायम करना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत खंडेलवाल ने कहा, पत्रकार, समाज की ताकत है। समाज के उत्पीड़न को उठाकर उसे अखबारों के माध्यम से सामने लाकर उसे न्याय दिलाने का प्रयास पत्रकार करता है।
वरिष्ठ पत्रकार अतुल दुबे ने कहा, पत्रकारिता आज आधुनिक हो गई पर लड़ाई आज भी उसी तरह जारी है। उस दौर में आचार्य बालशास्त्री जांभेकर ने गलत परंपराओं के विरुद्ध में एवं ब्रिटिशों की तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाकर मराठी, अंग्रेजी अखबार दर्पण की शुरुआत की। आज हम भी समाज में ऐसी ही बुराइयों के खिलाफ अखबारों के माध्यम से लड़ रहे है।
ट्रस्ट के सचिव रवि आर्य ने छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हुई निर्मम हत्या की कड़ी निंदा कर आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की वही पत्रकारों के लिए सरकार द्वारा कड़े सुरक्षा कानून बनाने की मांग की।
प्रेस ट्रस्ट ऑफ गोंदिया संस्था के अध्यक्ष अपूर्व मेठी ने अध्यक्षीय संबोधन में, प्रेस ट्रस्ट ऑफ गोंदिया पत्रकार संगठना द्वारा किये जा रहे कार्यो की जानकारी दी। इस दौरान मंचासीन डीआईओ स्वेता राऊत पोटुडे मैडम, वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत खंडेलवाल, सुब्रत पाल सर को स्मृति चिन्ह देकर उनका सम्मान किया गया।
कार्यक्रम के दौरान दिवगंत वरिष्ठ पत्रकार अनिल गौतम गुरुजी को भावभीनी श्रद्धांजलि एवं छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का निषेध कर दो मिनट का मौन व्यक्त कर दुख प्रकट किया गया..

कार्यक्रम का संचालन जयंत शुक्ला ने किया वही आभार प्रकट संजीव बापट ने माना। कार्यक्रम को छैलबिहारी अग्रवाल, भगत ठकरानी, सुषमा यदुवंशी, कवि रमेश शर्माजी आदि ने भी संबोधित किया और पत्रकारों के विषय पटल पर रखें।

कार्यक्रम में प्रमुखता से सहायक जिला सूचना अधिकारी ए.के. गजभिये, पत्रकार आशीष वर्मा, हरिंद्र मेठी, मुकेश शर्मा, जावेद खान, योगेश राऊत, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता छैलबिहारी अग्रवाल, गोंदिया जिला प्रा.शि.सह. पत संस्था के अध्यक्ष किशोर डोंगरावर, पत्रकार सुषमा यदुवंशी, भगत ठकरानी, जयंत मुरकुटे, युवा उद्योगपति रोशन जायसवाल, पत्रकार सतीश पारधी, सचिन बोपचे, दीपक जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं कवि श्री रमेश शर्मा जी, स्वप्निल आदि समेत अन्य पत्रकार बंधुओ की उपस्थिति रही।

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